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Thursday, March 31, 2011

पर डरती हूँ

तरसती आँखों ने थे देखे हजारो सपने
पर डरती हूँ कहीं वो टूट न जाए,
इंतज़ार में हूँ एक हमसफ़र के साथ का
पर डरती हूँ कहीं साथ छूट न जाए॥

अंधेरों में बैठी हूँ रौशनी की आस लिए
कोई सूरज बन कर आए अँधेरा दूर भगाए,
अंधेरों की तो आदत हो गयी है हमे
पर डरती हूँ कहीं फिर वो सूरज डूब न जाए॥

तरसती आँखों ने थे देखे हजारो सपने.......

किनारे पे खड़ी साहिल को निहारती हूँ
कि काश कोई मुझे उस पार ले जाए,
साथ मेरे माझी भी है और नाव भी
पर डरती हूँ बीच भँवर डूब ना जाए॥

तरसती आँखों ने थे देखे हजारो सपने.......

रूठी है किस्मत रूठा है सारा जहाँ
हम है जिसके सहारे न जाने वो है कहाँ,
जाना चाहती हूँ उसके पास हमेशा के लिए
पर डरती हूँ कहीं वो भी रूठ न जाए॥

तरसती आँखों ने थे देखे हजारो सपने.......

हजारों सपने करोड़ों ख्वायिशें
अनगिनत अरमानो और प्यार का खजाना,
कितना है संजोया रखा छिपा कर सालो से
पर डरती हूँ कहीं यह खजाना लूट न जाए॥

तरसती आँखों ने थे देखे हजारो सपने
पर डरती हूँ कहीं वो टूट न जाए,
इंतज़ार में हूँ एक हमसफ़र के साथ का
पर डरती हूँ कहीं साथ छूट न जाए॥ 
~'~hn~'~

12 comments:

Markand Dave said...

आदरणीय सुश्रीहेमाजी,

बहुत सुंदर मनोभाव।

किनारे पे खड़ी साहिल को निहारती हूँ
कि काश कोई मुझे उस पार ले जाए,
साथ मेरे माझी भी है और नाव भी
पर डरती हूँ बीच भँवर डूब ना जाए॥

धन्यवाद।

मार्कण्ड दवे।

Alcina said...

Ye maine pehle bhi padha hai apke meow wale blog mein shayad..

Bohot pyaari kavita hai :)

Anonymous said...

bahut hi sundar abhivyakti ...

Hema Nimbekar said...

आदरणीय मार्कण्ड दवे जी।

आप मुझे आदरणीय न कहे..मैं उम्र में आपसे बहुत छोटी हूँ ....आप मुझे अपना स्नेह और आशीर्वाद ही दे...ये मेरा आपसे आग्रह है।

आपका मेरे ब्लॉग में बहुत-बहुत स्वागत है..आपको मेरी कविता अच्छी लगी।...धन्यवाद।..
आपको आभार।

Hema Nimbekar said...

thnx sneha...haan tumne facebook pe ya meow pe padhi hogi shayad..
ek baar phir se padhne ke liye thanks dear:):):)

Hema Nimbekar said...

dhanyavaad some unspoken words...

main apka naam jaan sakti hoon...?

Simran said...

Sundar rachna ! :)

Hema Nimbekar said...

thanks simran sweetie...:):)

Hema Nimbekar said...

@manpreet
thank you dear..:):)

Hema Nimbekar said...

@ dilbag
shukriya dilbag saheb

Motifs said...

“Remember today, for it is the beginning of always. Today marks the start of a brave new future filled with all your dreams can hold. Think truly to the future and make those dreams come true.”
BEAUTIFUL...I will always pray that what you want in life,you will get...
ALPANA JAISWAL

Hema Nimbekar said...

@Alpana

thank you...you always inspired me someway the other....
you already given me new hope in life with your lovely poem "Who Am I"

How u find my blog??

लिखिए अपनी भाषा में

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