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Tuesday, February 1, 2011

भगवान्(GOD)




तुम अगर जिंदगानी का सफर न देते तो कहाँ जाता इंसान.
तुम अगर विश्वास की किरण न देते तो राह में खो जाता इंसान.
तुम अगर रिश्तेदारो से हमसफ़र न देते तो अकेला रह जाता इंसान.
तुम अगर मौत जैसी मंजिल न देते तो पहले ही थक जाता इंसान.

तुम अगर मुश्किल भरे दिन न देते तो तुम को भूल जाता इंसान.
तुम अगर खुशियों भरे उत्सव न देते तो जीवन के सारे तत्व भूल जाता इंसान.
 तुम अगर साहस न देते तो इतनी ताकत कहाँ से लाता इंसान.
तुम अगर मन न देते तो प्यार की चाहत कहाँ से लाता इंसान.

तुम अगर हरा भरा जहाँ न देते तो कबका विलुप्त हो जाता इंसान.
तुम अगर दिमाग न देते तो जानवर ही रह जाता इंसान.
तुम अगर गीता कुरान जैसे ग्रन्थ न देते तो बहक जाता इंसान.
तुम अगर इतने अवतार न लेते तो जीवन का सार कैसे जान पाता यह इंसान।
~'~hn~'~

6 comments:

Simran said...

Wah..bohot khoob!!

Keep Expressing :)

Hema Nimbekar said...

thx simran.....
keep visiting....:)

Mohini Puranik said...

तुम न लिखती यह शब्द तो
भगवान का महत्व कैसे जानता इन्सान !

भक्तीमयी रचना ! मेरा इस काव्य को और इसके रचयिता को नमन!

Hema Nimbekar said...

@Mohinee

so sweet of you mohinee di...thanks for your lines...loved them too...

aap meri racha ko naman kar sakti hai ..but mujhe ismein praye na lijiye...mujhe naman na kijiye..main to ek choti si kavayetri hoon...aap mujhse bhi acha likhti hai..

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

Sach men hema ji ishvar ka hi diya hua to hai sabkuchh.....

Hema Nimbekar said...

हेमंत कुमार ♠ Hemant Kumar

shukriya...

How u find my blog??

लिखिए अपनी भाषा में

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