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Monday, March 14, 2011

"निम्मो बुआ" (part 1)

रात के 9 बजे थे और सीमा हर रोज़ की तरह खाने के लिए dinning table लगा रही थी. "क्षितिज, माँ, पीयूष..सभी लोग आ जाओ। खाना तयार है।" सीमा ने ज़ोर से आवाज़ लगाई।

"आ रहे है।" क्षितिज का जवाब आया। माँ भी पीयूष और पीहू के साथ आ गयी। माँ ने पीहू को सोफ्फे पर बिठा कर सीमा से कहा "पीहू को भी भूख लगी है। उसके लिए दूध की बोत्तल तैयार कर लो बहु।"

"जी माँ।" सीमा ने प्यार से कहा और दूध की बोत्तल तैयार करने रसोई में चली गई। क्षितिज भी हाथ मुह धो कर टेबल पे आ गया। फिर सभी टीवी देखते देखते खाना खाने लगे।

"सीमा कहाँ हो..सुनो तुम भी टेबल पे आ जाओ।" क्षितिज ने कहा। सीमा रसोई से निकलते हुए बोली "आ रही हूँ।"

सीमा और क्षितिज की शादी हुए 8 साल हो चुके थे. पीयूष (5 साल) और पीहू (1+ साल) दो बच्चो के साथ उनकी ग्रहस्थी ठीक-ठाक चल रही है। क्षितिज की माँ सीमा को दिलोजान से चाहती है। दिनभर बस बहु के गुणगान करती रहती है।

सीमा पीहू को बोत्तल थमा कर खाना खाने के लिए आ गई। "पीयूष बेटे तुमने हलवा तो लिया ही नही। चलो जल्दी से इसे भी ख़त्म करो।" सीमा ने उसकी प्लेट में हलवा डालते हुए कहा। सीमा जानती थी की पीयूष को गाज़र का हलवा बिल्कुल पसंद नही पर वो चाहती थी पीयूष सभी कुछ खाए..बढ़ते बच्चो को सभी कुछ खाना चाहिए।

करीब 10 बजे सभी का खाना ख़त्म हो गया था। सीमा रसोई में कुछ काम करने चली गई। पीहू का दूध भी ख़त्म हो गया था और अब वो खेल रही थी। क्षितिज ने उसे उसके सारे खिलोने ला कर दे दिए थे। पीयूष भी ball से खेल रहा था।

"trin trin....trin" तभी फ़ोन की घंटी बजी। क्षितिज ने फ़ोन उठाया और बात करने लगा। फिर थोडी देर में बोला। "सीमा तुम्हारा फ़ोन है..पापा का।" सीमा रसोई से बाहर आ कर फ़ोन क्षितिज से लेकर बोली "हेल्लो! पापा। हाँ बोलो। आप कैसे हो? सब ठीक है ना...मम्मी की तबियत कैसी है..."

बातों बातों में सीमा को पता चला की कल छुट्टी के दिन निम्मो बुआ उसके घर आ रही है। उनके छोटे बेटे राकेश की शादी है। वो उसी अवसर का निमंत्रण पत्र देने आ रही है।

निम्मो बुआ का नाम सुनते ही सीमा कुछ परेशान सी हो उठी। न जाने उसे क्या हो गया था। आगे की बातें भी उसने ध्यान से नही सुनी। राकेश की शादी!! राकेश की शादी!! निम्मो बुआ घर आ रही है!! निम्मो बुआ घर आ रही है!! बस बार बार यही शब्द दिमाग में घूमने लगे....

to be continue....
~'~hn~'~

Note : This story is only a Fiction, not real story, It is only for inspirational.

4 comments:

Anonymous said...

waiting for the next part eagerly

Hema Nimbekar said...

will post the next part soon...

thanks for reading dear...

Patali-The-Village said...

कहानी अच्छी है अगली किस्त का इंतजारहै|

Hema Nimbekar said...

शुक्रिया Patali-The-Village साहब....
हर रोज़ एक किस्त पोस्ट करुँगी जब तक कहानी ख़त्म न हो जाये |.. इसीलिए रोज़ न्यू पोस्ट चेक करना न भूले |

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