अपने कमरे को खुला पाकर जिया समझ गई थी कि शिल्पा कमरे में ही है। शायद आज वो ख़ुद लेट हो गई थी। बहुत थक गई थी वो। कमरे के अंदर आते ही उसने अपना बैग एक ओर पटका और अपने बिस्तर पर अपने आपको ढीला छोड़ कर गिरा दिया। बिस्तर पे पड़ते ही उसे बहुत आराम महसूस हुआ।
"क्या बात है जिया बहुत खुश लग रही हो। और आज इतनी देर कहाँ लगा दी मैडम ने। लाइब्रेरी में इतनी देर तक पढ़ रही थी क्या। या फिर रोशन के साथ कहीं लम्बी सैर करके आई हो।" शिल्पा जैसे उसे छेड़ रही थी। असल में तो जिया रोशन के साथ पूरा दिन घूम कर ही आई थी। उसका आज पूरा दिन बहुत अच्छा गया था।
"तो इसका मतलब तुमने रोशन को हाँ कर दी है। हैं ना !!...मैं जानती थी तुम रोशन को न नहीं बोल सकती। मैंने तो रोशन को बोला भी था कि वो बेकार में तुम्हारे जवाब की इतनी फ़िक्र कर रहा है। सभी जानते थे कि तुम हाँ ही बोलोगी।"
शिल्पा का इतना बोलना था कि जिया ने उसे टोक दिया। "मतलब रोशन मुझे अपने प्यार का इज़हार करने वाला है तुम सबको पहले ही पता था। और मेरी दिल उसके लिए धड़कता है यह भी सब जानते थे।"
"हाँ... यह तो सब जानते है कि तुम रोशन से बहुत प्यार करती हो। रोशन ने यह सब परसों ही बोलने का प्लान बना लिया था जब वो मुझसे मिला था। वो जानना चाहता था कि तुम उसके बारे में क्या सोचती हो। उसने मुझे भी बताया कि वो भी तुमसे प्यार करता है। तो मैंने ही बोला कि देर न करो जल्दी से जल्दी बोल दो।....तुम खुश हो ना जिया॥"
"हाँ!! बहुत खुश हूँ।" बस इतना बोल जिया सुन्हेरे सपनो में खो गई। और शिल्पा ने भी उसे और तंग न करने को सोचा। मगर शिल्पा कल ही जिया से एक पार्टी की उम्मीद तो कर ही रही थी।
ऐसे ही समय बीतता गया | परीक्षाएं भी ख़त्म हो गयी और परीक्षाओं के बाद होने वाली छुट्टियां भी |
"हेल्लो जिया.....कैसी हो यार। तुम्हारी तो परीक्षायों के बाद न कोई बात न ख़बर" महक जिया को कॉलेज में आते देख दूर से ही बोली। "हेल्लो महक मैं कहाँ गई हूँ यार तुम ही सब लोग कॉलेज की छुट्टियों में कहीं चले गए थे यार। मैं परीक्षायों के दो दिन बाद घर गई थी। और एक हफ्ते में ही वापस आ गई थी। वापस आ कर पता चला तुम सब शहर में ही नही हो।" जिया ने महक के साथ साथ क्लास की ओर चलते हुए से महक से पुछा।
"हाँ मैं तो अपनी नानी के यहाँ चली गई थी। दीपक और टीना भी अपने अपने relatives के यहाँ। रहमान तो घूमने कहीं गया हुआ था। हमने सोचा तुम पूरी छुट्टियाँ अपने घर में ही बिताने वाली हो। अनमोल का भी कुछ अता पता नही है।" महक ने जिया को बताया। "हाँ अनमोल भी शायद अपने घर ही गया है।" जिया बोली।
"महक.....जिया .....महक....जिया...." पीछे से आवाज़ आई तो दोनों ने पलट कर देखा तो उन्हें रहमान नज़र आया। "कैसे हो रहमान...." जिया ने पुछा। "हाँ मैं अच्छा हूँ तुम लोग कैसे हो...तुम लोगो ने दीपक और टीना की ख़बर सुनी। वो लोग अब साथ साथ रहने लगे है। LIVE-IN you know.."
LIVE IN यह बात जिया ने पहली बार रोशन से सुनी थी। जब रोशन उसे अपने घर बुला रहा था साथ रहने के लिए। यह सब उसे बहुत अजीब लगा था इसीलिए जिया ने उसे मना कर दिया था। हाँलाकि शिल्पा ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की थी कि इसमें कोई बुराई नहीं है। मगर जिया यह करना ही नहीं चाहती थी। जिया यह सब सोच ही रही थी कि अचानक एक आवाज़ से वो चौक गई। "क्या बात है पूरी पलटन यहीं है....कैसे हो दोस्तों..." यह दीपक की आवाज़ थी जो कि टीना के साथ आ रहा था। दोनों बहुत खुश नज़र आ रहे थे।
"जिया कैसी हो तुम और तुम्हारा वो कैसा है रोशन..." टीना ने उस से शरारती नज़रों से पुछा। "हाँ सब ठीक है। मैं यहीं पार्ट टाइम नौकरी करती हूँ। और रोशन भी नौकरी ढूंढ रहा है।" जिया ने जवाब दिया तो सबने उसे नौकरी के लिए बधाइयाँ दी।
तभी उनकी second year की पहली क्लास शुरू हो गयी। अनमोल भी दूसरी क्लास के ख़त्म होते ही आ गया। उसके आते ही सब बहुत खुश हुए। अनमोल भी सबसे मिलके खुश हुआ। मगर अनमोल को जैसे पता चल चुका था कि जिया के साथ कुछ हुआ है वो उसे खुश नज़र नहीं आ रही थी। अनमोल जानता था कि जिया सबके सामने नहीं बताएगी। हाँ अनमोल ने यह सोच लिया था कि अकेले में मौका देख कर वो उस से ज़रूर पूछेगा।
to be continue....
~'~hn~'~
Note : This story is only a Fiction, not real story, It is only for inspirational.
5 comments:
are yar itna suspence mera to heart fail ho jaaeyga he he. bahut achhe ..waiting for the next part
Har post ke baad suspence badhta jaa raha hai, excitement badhti jaa rahi hai..
Maanna padega aapko di :)
@some unspoken words
thank you anu....hum heart break hone nahi denge...suspence khul jayega...bas aage padte raho...
@simran...
thank you sweetie...
This is getting really gripping...keep going Hema..you rock!!!!
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