क्षितिज और सीमा अखबार में गुमशुदा लोगो में शिल्पा की फोटो ढूंढ रहे थे....उनकी शादी को अभी एक हफ्ता ही हुआ था। विदाई के समय जो कुछ हुआ उनके तो होश ही उड़ गए थे जब उन्हें पता चला की शिल्पा कहीं नही मिल रही है। बहुत ढूँढा पर नही मिली...फिर शिल्पा की एक दोस्त ने बताया की वो किसी से फ़ोन पे बात कर रही थी। और बात के गई है की वो थोडी देर में आ जायेगी। पर तब से उसे इतने दिन हो गए वो लौटी ही नही। शादी के बाद के सारे functions cancel कर दिए गए।
ting tong....ting tong.... घंटी बजी क्षितिज के मामा ने दरवाजा खोला...."आईये इंस्पेक्टर साहेब.....कुछ पता चला उस अनिल का...कहाँ है वो....पकड़ में आया वो...शिल्पा उसी के साथ है ना.... ठीक है न शिल्पा..."
इंस्पेक्टर: "देखिये हम लोग बहुत कोशिश कर रहे है शिल्पा को ढूँढने की.....और रही अनिल की बात तो अनिल भी दो दिनों से घर नही आया है ऐसा उसका मामा का कहना है....और अभी हमें एक लाश मिली है... अनिल के मामा को बुलाया है.....वो अनिल की लाश हो सकती है....."
क्षितिज: "तो आप यहाँ क्यूँ आए है...पता कीजिये की वो अनिल की लाश है की नही...क्या शिल्पा सच में उसी के साथ थी .....आखिर शिल्पा कहाँ है....." क्षितिज रोने ही लगा...सीमा ने उसे संभाला...और मन ही मन सोचा शुक्र है माँ अपने कमरे में सो रही है। पहले ही कितना गहरा शोक लगा है उन्हें। यह सब सुन के तो उनकी और हालत ख़राब हो जायेगी।
इंस्पेक्टर: "देखिये हम लोग शिल्पा के कॉलेज में उसके और दोस्तों से पूछ ताश कर रहे है....और इधर शिल्पा को जगह जगह ढूँढा जा रहा है। अपने उसकी गुमशुदा का इश्तहार(advt) भी अखबारों में दे दिया है.... इधर अनिल के मामा भी परेशान है। वो भी पूरा सहयोग दे रहे है....अनिल की फोटो भी जगह जगह लगी जा रही है।"
क्षितिज के मामा: "इंस्पेक्टर वो सब हम लोगो को नही पता बस आप हमारी बिटिया को ढूंढ कर वापस लाईये..और मीडिया में यह सब बातें नही आने दीजिये.... यहाँ मीडिया में न्यूज़ देख देख कर और हम लोगो की हालत ख़राब होती है...पता नही क्या क्या कहानी बना देते है.....हमारी बेटियाँ ऐसी नही थी...वो बहुत होंन्हार होशियार और सुशिल लड़की थी....वो किसी के साथ नही भाग सकती...उसके कई सपने थे...डॉक्टर बनाना चाहती थी...अपने पापा का नाम रोशन करना चाहती थी..."
इंस्पेक्टर: "हाँ हम जानते है कॉलेज में भी वो सबकी चाहिती है। सब यही बोल रहे है....आप फ़िक्र न करे हम लोग मीडिया में यह सब नही आने देंगे। बस आप मुझे उसकी स्कूल की कुछ सहेलियों या दोस्तों के बारे में थोड़ा और कुछ बताइए"
कुछ पूछताश के बाद इंस्पेक्टर चले गए....पूरा दिन बस इसी इंतज़ार में बीत गया की कोई ख़बर आयेगी...शाम को इंस्पेक्टर का फ़ोन आया की वो लाश अनिल की ही है। सब के सब दंग रह गए थे कहीं सच में तो शिल्पा ने उनसे सब कुछ छिपा नही रखा था...सीमा सोचती रही....कहीं अनिल को सचमुच में तो शिल्पा नही चाहती थी....नही नही अगर ऐसा कुछ होता तो ज़रूर शिल्पा उसे बताती.. आखिर सीमा शिल्पा की दोस्त जो बन गई थी....सीमा और शिल्पा दोनों एक दुसरे से कुछ नही छिपाते थे......अरे सीमा तो कभी कभी क्षितिज से की हुई बातें भी शिल्पा को बता देती थी...फिर शिल्पा उस से क्यों सब छिपाएगी....मगर शिल्पा उसकी छोटी ननद है। हो सकता है शिल्पा को सब बताते हुए शर्म आती हो क्यूंकि सीमा उसकी होने वाली भाभी थी....ज़रूरी तो नही की वो सब कुछ सीमा को और सीमा सब कुछ शिल्पा को बताये...सीमा के मन में न जाने क्या क्या विचार आ रहे थे...की अचानक क्षितिज की आवाज़ ने जैसे उसे गहरी कुए से बाहर खीच लिया हो।
क्षितिज: "सीमा मुझे माफ़ कर दो...."
सीमा: "ये तुम क्या कह रहे हो क्षितिज"
क्षितिज: "नही मुझे बोलने दो....शादी के बाद से ही एक भी पल मैंने तुमको एक भी खुशी नही दी...तुम्हारे कितने अरमान होंगे...तुम्हें कितने सपने देखे होंगे शादी को ले कर...reception को लेकर... honeymoon को लेकर...मुझे माफ़ कर दो....बस एक बार सब ठीक हो जाए...फिर मैं तुम्हे तुम्हारी सब खुशियाँ लौटा दूंगा॥"
सीमा: "क्षितिज मैं तुम्हारी पत्नी हूँ....मैंने तुमसे शादी की है....जीवन भर साथ निभाने का वादा किया है। और जो कुछ हुआ है सब के सामने हुआ है...सभी जानते है की क्या हुआ है....और क्या शिल्पा मेरी कुछ नही है.....क्या मैं उसकी कुछ नही हूँ....सब कुछ गडबडा गया है...माँ की हालत भी बिगडती जा रही है....जब सब ठीक हो जाएगा तब हम अपने बारे में सोचेंगे...अभी तो हम लोगो को शिल्पा और माँ के बारे में सोचना है....."
दो दिन बाद ही इंसपेक्टर ने बताया की अनिल की फोटो देख कर किसी ने उन्हें फ़ोन किया था....और उनके बताये पते पे जाने पे उन्हें शिल्पा मिल चुकी है...सभी ने गहरी साँस ली...और पुलिस स्टेशन चल दिए...शिल्पा से मिलने....
पुलिस स्टेशन में इंसपेक्टर ने बताया की शिल्पा को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया है....अगले दिन तक उसे वही रहना है.....पर शिल्पा की माँ तो जिद्द ले के बैठ गई थी की उसे शिल्पा से अभी मिलना है...सीमा ने बहुत मुश्किल से उनको समझाया जहाँ इतना इंतज़ार किया है एक दिन और इंतज़ार कर लेते है....और फिर हमें ये तो पता है ना की वो सुरखित है....मिल गई है....ठीक है...वापस अपनों के पास वापस आने वाली है....खैर क्षितिज और उसके मामा के समझाने पे माँ मान गई...
ting tong....ting tong.... घंटी बजी क्षितिज के मामा ने दरवाजा खोला...."आईये इंस्पेक्टर साहेब.....कुछ पता चला उस अनिल का...कहाँ है वो....पकड़ में आया वो...शिल्पा उसी के साथ है ना.... ठीक है न शिल्पा..."
इंस्पेक्टर: "देखिये हम लोग बहुत कोशिश कर रहे है शिल्पा को ढूँढने की.....और रही अनिल की बात तो अनिल भी दो दिनों से घर नही आया है ऐसा उसका मामा का कहना है....और अभी हमें एक लाश मिली है... अनिल के मामा को बुलाया है.....वो अनिल की लाश हो सकती है....."
क्षितिज: "तो आप यहाँ क्यूँ आए है...पता कीजिये की वो अनिल की लाश है की नही...क्या शिल्पा सच में उसी के साथ थी .....आखिर शिल्पा कहाँ है....." क्षितिज रोने ही लगा...सीमा ने उसे संभाला...और मन ही मन सोचा शुक्र है माँ अपने कमरे में सो रही है। पहले ही कितना गहरा शोक लगा है उन्हें। यह सब सुन के तो उनकी और हालत ख़राब हो जायेगी।
इंस्पेक्टर: "देखिये हम लोग शिल्पा के कॉलेज में उसके और दोस्तों से पूछ ताश कर रहे है....और इधर शिल्पा को जगह जगह ढूँढा जा रहा है। अपने उसकी गुमशुदा का इश्तहार(advt) भी अखबारों में दे दिया है.... इधर अनिल के मामा भी परेशान है। वो भी पूरा सहयोग दे रहे है....अनिल की फोटो भी जगह जगह लगी जा रही है।"
क्षितिज के मामा: "इंस्पेक्टर वो सब हम लोगो को नही पता बस आप हमारी बिटिया को ढूंढ कर वापस लाईये..और मीडिया में यह सब बातें नही आने दीजिये.... यहाँ मीडिया में न्यूज़ देख देख कर और हम लोगो की हालत ख़राब होती है...पता नही क्या क्या कहानी बना देते है.....हमारी बेटियाँ ऐसी नही थी...वो बहुत होंन्हार होशियार और सुशिल लड़की थी....वो किसी के साथ नही भाग सकती...उसके कई सपने थे...डॉक्टर बनाना चाहती थी...अपने पापा का नाम रोशन करना चाहती थी..."
इंस्पेक्टर: "हाँ हम जानते है कॉलेज में भी वो सबकी चाहिती है। सब यही बोल रहे है....आप फ़िक्र न करे हम लोग मीडिया में यह सब नही आने देंगे। बस आप मुझे उसकी स्कूल की कुछ सहेलियों या दोस्तों के बारे में थोड़ा और कुछ बताइए"
कुछ पूछताश के बाद इंस्पेक्टर चले गए....पूरा दिन बस इसी इंतज़ार में बीत गया की कोई ख़बर आयेगी...शाम को इंस्पेक्टर का फ़ोन आया की वो लाश अनिल की ही है। सब के सब दंग रह गए थे कहीं सच में तो शिल्पा ने उनसे सब कुछ छिपा नही रखा था...सीमा सोचती रही....कहीं अनिल को सचमुच में तो शिल्पा नही चाहती थी....नही नही अगर ऐसा कुछ होता तो ज़रूर शिल्पा उसे बताती.. आखिर सीमा शिल्पा की दोस्त जो बन गई थी....सीमा और शिल्पा दोनों एक दुसरे से कुछ नही छिपाते थे......अरे सीमा तो कभी कभी क्षितिज से की हुई बातें भी शिल्पा को बता देती थी...फिर शिल्पा उस से क्यों सब छिपाएगी....मगर शिल्पा उसकी छोटी ननद है। हो सकता है शिल्पा को सब बताते हुए शर्म आती हो क्यूंकि सीमा उसकी होने वाली भाभी थी....ज़रूरी तो नही की वो सब कुछ सीमा को और सीमा सब कुछ शिल्पा को बताये...सीमा के मन में न जाने क्या क्या विचार आ रहे थे...की अचानक क्षितिज की आवाज़ ने जैसे उसे गहरी कुए से बाहर खीच लिया हो।
क्षितिज: "सीमा मुझे माफ़ कर दो...."
सीमा: "ये तुम क्या कह रहे हो क्षितिज"
क्षितिज: "नही मुझे बोलने दो....शादी के बाद से ही एक भी पल मैंने तुमको एक भी खुशी नही दी...तुम्हारे कितने अरमान होंगे...तुम्हें कितने सपने देखे होंगे शादी को ले कर...reception को लेकर... honeymoon को लेकर...मुझे माफ़ कर दो....बस एक बार सब ठीक हो जाए...फिर मैं तुम्हे तुम्हारी सब खुशियाँ लौटा दूंगा॥"
सीमा: "क्षितिज मैं तुम्हारी पत्नी हूँ....मैंने तुमसे शादी की है....जीवन भर साथ निभाने का वादा किया है। और जो कुछ हुआ है सब के सामने हुआ है...सभी जानते है की क्या हुआ है....और क्या शिल्पा मेरी कुछ नही है.....क्या मैं उसकी कुछ नही हूँ....सब कुछ गडबडा गया है...माँ की हालत भी बिगडती जा रही है....जब सब ठीक हो जाएगा तब हम अपने बारे में सोचेंगे...अभी तो हम लोगो को शिल्पा और माँ के बारे में सोचना है....."
दो दिन बाद ही इंसपेक्टर ने बताया की अनिल की फोटो देख कर किसी ने उन्हें फ़ोन किया था....और उनके बताये पते पे जाने पे उन्हें शिल्पा मिल चुकी है...सभी ने गहरी साँस ली...और पुलिस स्टेशन चल दिए...शिल्पा से मिलने....
पुलिस स्टेशन में इंसपेक्टर ने बताया की शिल्पा को मेडिकल टेस्ट के लिए ले जाया गया है....अगले दिन तक उसे वही रहना है.....पर शिल्पा की माँ तो जिद्द ले के बैठ गई थी की उसे शिल्पा से अभी मिलना है...सीमा ने बहुत मुश्किल से उनको समझाया जहाँ इतना इंतज़ार किया है एक दिन और इंतज़ार कर लेते है....और फिर हमें ये तो पता है ना की वो सुरखित है....मिल गई है....ठीक है...वापस अपनों के पास वापस आने वाली है....खैर क्षितिज और उसके मामा के समझाने पे माँ मान गई...
to be continue....
~'~hn~'~
Note : This story is only a Fiction, not real story, It is only for inspirational.
4 comments:
waiting for the nest one
@some unspoken words...
next part will be posted tomorrow at 10-11 AM..
Interesting,will wait for the follow up...
@Motifs
thank you Alpana di for reading...
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