जब भगवान् ने मिठास और कड़वे स्वाद बना दिए,
उन का निरक्षण कर पृथ्वी में फैला दिए.
शायद उन्होंने सोचा होगा कुछ कमी है अभी,
जब शिव सोच में पड़ गए इन्द्र भी विचार रहे थे तभी.
विष्णु ने सोचा क्यों न कुछ किया जाए,
सब के मुख पर आश्चर्य का भावः लाया जाए.
देव ऋषि ले चले संदेश ब्रह्मा के पास,
ब्रह्मा को भी अपनी शक्ति की सिधता का हुआ एहसास.
बहुत सोचा गया, बहुत विचार गया.
सभी विध्व्जनो ने लगे अपनी अपनी प्राग्य और ताकत,
विनम्रता से बोली "नवरत्न" अप्सरा आ कर.
क्यों न सभी स्वादों को मिलाया जाए,
एक नए स्वाद की रचना की जाए.
सबको आया विचार पसंद,
सभी प्रफुलित हो गए देवगण.
मिठास, कड़वाहट, तीखा, फिक्का,
सभी स्वादों मिलाये गए बनाया गया एक नया स्वाद,
तब सब ने नाम विचार, विचार कर रखा गया खट्टा स्वाद.
यही है दास्तान खट्टेपन की,
यही है कहानी निम्बू की रचना की.
~'~hn~'~
(Written in 6-8 Std I dont actually remember)
उन का निरक्षण कर पृथ्वी में फैला दिए.
शायद उन्होंने सोचा होगा कुछ कमी है अभी,
जब शिव सोच में पड़ गए इन्द्र भी विचार रहे थे तभी.
विष्णु ने सोचा क्यों न कुछ किया जाए,
सब के मुख पर आश्चर्य का भावः लाया जाए.
देव ऋषि ले चले संदेश ब्रह्मा के पास,
ब्रह्मा को भी अपनी शक्ति की सिधता का हुआ एहसास.
बहुत सोचा गया, बहुत विचार गया.
सभी विध्व्जनो ने लगे अपनी अपनी प्राग्य और ताकत,
विनम्रता से बोली "नवरत्न" अप्सरा आ कर.
क्यों न सभी स्वादों को मिलाया जाए,
एक नए स्वाद की रचना की जाए.
सबको आया विचार पसंद,
सभी प्रफुलित हो गए देवगण.
मिठास, कड़वाहट, तीखा, फिक्का,
सभी स्वादों मिलाये गए बनाया गया एक नया स्वाद,
तब सब ने नाम विचार, विचार कर रखा गया खट्टा स्वाद.
यही है दास्तान खट्टेपन की,
यही है कहानी निम्बू की रचना की.
~'~hn~'~
(Written in 6-8 Std I dont actually remember)
10 comments:
WOW!!
Very imformative post!!
Liked the topic you choosed..I am amazed that you have wrote this poem in 6-8 standard....Really brillient!!
Keep Writing ...
thanks simran for visiting by blog....
i don't actually remember i hv wrote this in 6-8 std but yes that time i was in school and not yet ready to give board exams(so surly before my xth std).....
keep visiting...reading...n commenting....
I must say It's remarkable !!
Keep writng because it reflects many worth elements inter-relating in our life...
KEEP ON EXPRESSING!!
Hey Nice one yaar....Loved it...never ever think that how Lemon come to earth......Actually I completed my B.Sc. with Botany but never find that the invention of lemon may as mentioned here.......
@lovelyharshal
hey I was also science student..done my senior secondary with science stream....I m very fond of botany....loved biology as subject..
@lovelyharshal
no science can think of it..we think it only in imaginations and thoughts..
बहुत सही लिखा आपने, सारे स्वाद एक साथ! जीवन का सार!
शुक्रिया मोहिनी दीदी....
very beautiful poem with an usual nimbu, but different forms of taste. loved it.
@fantacy in practicality
Thank you so much Sancheeta Biswas
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